एडीएम की अध्यक्षता में पराली प्रबंधन/फसल अवशेष को खेतो में न जलाये जाने से सम्बंधित बैठक हुई आयोजित
1 min read
संत कबीर नगर 31 अक्टूबर, 2025 (सूचना विभाग) जिलाधिकारी आलोक कुमार के निर्देश के क्रम में अपर जिलाधिकारी (वित्त व राजस्व) जयप्रकाश की अध्यक्षता में पराली प्रबंधन/फसल अवशेष को खेतो में न जलाये जाने से सम्बंधित बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई।

बैठक में उप कृषि निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि धान की कटाई एवं गेहूं की बुवाई के मध्य कम समय मिलने के कारण किसान जल्दी खेत खाली करने के उद्देश्य से कंबाइन मशीन अथवा धान की कटाई के उपरांत मड़ाई के उपरांत धान की पराली को जला देते हैं। जिससे न सिर्फ पर्यावरण को क्षति पहुंचती है बल्कि मृदा स्वास्थ्य भी खराब होता है। पराली जलाने से उसमें संचित ऑर्गेनिक कार्बन एवं पोषक तत्व जल जाते हैं, जो की मिट्टी में पुनः जाने चाहिए थे, पराली जलाने से पर्यावरण दूषित होता है, जिससे मनुष्य के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां हो जाती है एवं सड़क इत्यादि पर घने धुएं के कारण दुर्घटना की भी स्थिति बनती है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में धान- गेहूं फसल चक्र अपनाये जाने एवं किसानों द्वारा गोवंश पशुपालन में कमी के कारण यह समस्या के रूप में उभर कर आई है।

बैठक में उप कृषि निदेशक ने अवगत कराया की मा0 सर्वोच्च न्यायालय एवं मा0 राष्ट्रीय हरित अभिकरण द्वारा पराली जलाए जाने पर रोक लगाई गई है। जिसके लिए दो एकड़ से कम क्षेत्रफल पर रुपए 5000/-00, 02 से 05 एकड़ क्षेत्रफल पर रुपए 10000/-00 एवं 05 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल पर रुपए 30000/-00 पर्यावरण क्षति के रूप में वसूल किए जाने की एक्ट पारित किया गया है, जो किसान एवं कंबाइन हार्वेस्टर संचालक पुनः पराली जलाए जाने की घटना में लिप्त पाए जाते हैं उनके विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं।
उप कृषि निदेशक द्वारा यह भी बताया गया कि पराली प्रबंधन के लिए जनपद में अब तक 184 कृषि यंत्र वितरित किए गए हैं। इस वर्ष 40 कृषि यंत्र एवं एक फार्म मशीनरी बैंक वितरित किया गया है जबकि 10 कस्टम हायरिंग सेंटर की ई- लॉटरी निकाला जाना अभी शेष है। पराली प्रबंधन के अंतर्गत हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, पैड़ी स्ट्रा चौपर, मल्चर, बिलिंग मशीन, रीपर कंम बाइंडर, सुपर एसएमएस एवं स्मार्ट सीडर इत्यादि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराए जाते हैं। इस वर्ष जनपद में 119 अनुसूचित जाति एवं 25 सामान्य जाति के लिए प्रदर्शन के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं सभी न्याय पंचायत में पराली प्रबंधन जागरूकता अभियान, स्कूल करिकुलम माध्यम से जागरूकता चलाया जाना है। गत वर्ष सेटेलाइट के माध्यम से कुल 48 आग जलाए जाने की घटनाएं संज्ञान में लाई गई थी जिसमें 24 घटनाओं में पराली जलाए जाने की पुष्टि हुई। इन किसानों को चेतावनी निर्गत करते हुए रुपए 65000/-00 की वसूली की गई।
अपर जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए की समस्त राजस्व कर्मी, पुलिस विभाग के बीट कांस्टेबल एवं कृषि विभाग के कार्मिक क्षेत्र में भ्रमणशील रहते हुए किसानों को जागरूक करें एवं पराली जलाए जाने की घटनाओं में कमी लाई जाए।

ग्राम विकास विभाग एवं पशुपालन विभाग गांव से परली को दान में प्राप्त कर निराश्रित गोवा से स्थल में 40% की दर से चारे के रूप में एवं पशुओं को बिछावन के रूप में इसका प्रयोग करें। दो ट्राली के बदले एक ट्राली गोबर की खाद, ‘परली दो -खाद लो’ के अभियान के तर्ज पर कार्यक्रम चलाएं एवं सभी नगर पालिका/नगर निकाय यह सुनिश्चित करें कि नगर क्षेत्र में कहीं भी कूड़ा जलाए जाने की घटनाएं न घटित हो, पुलिस प्रशासन भी अपने स्तर से पराली जलाए जाने की घटनाओं में निगरानी रखें।
इस अवसर पर उप कृषि निदेशक डॉ0 राकेश कुमार सिंह, जनपद स्तरीय समिति के सदस्य एवं कंबाइन हार्वेस्टर मशीन के संचालक, फार्म मशीनरी बैंक के संचालक एवं कस्टम हायरिंग सेंटर के संचालक आदि उपस्थित रहे।

