उर्से निजामी की तैयारियां पूरी , कल से शुरू होगा दो दिवसीय कार्यक्रम
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संतकबीरनगर। भारत के प्रसिद्ध सुफी बुज़ुर्ग व इस्लामिक विद्वान हजरत सूफी निजामुद्दीन मुहद्दिस बस्तवी के बारहवें उर्स की तैयारियां तेज हो गई हैं।3 नवम्बर को नमाज-ए-फ्रज बाद कुरान खानी से कार्यक्रम की शुरुआत होगी।दोपहर जोहर की नमाज के बाद मजार पर चादरपोशी और गुलपोशी का सिलसिला शुरू होगा और देर शाम तक चलेगा। रात में इशा की नमाज के बाद निजामी कान्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा।जिसमें देश के कई बड़े इस्लामिक विद्वान प्रतिभाग करेंगे। 4 नवम्बर की सुबह में 08:00 बजे मजार शरीफ पर कुल शरीफ के आयोजन के बाद उर्स का कार्यक्रम समाप्त हो जाएगा। अकीदतमंद खानकाह को सजा कर भव्य बनाने के लिए अन्तिम रुप देने में लेग हुए हैं। हर तरफ प्रकाश की व्यवस्था किया जा रहा है। कार्यक्रम में
सूफी निजामुद्दीन एक नजर में

खतीबुल बराहीन अलहाज अश्शाह हजरत मोहम्मद निजामुद्दीन मुहद्दिस बस्तवी का जन्म सेमरियावा के अगया में 15 जनवरी 1928 को हुआ था। घर पर प्रारम्भिक शिक्षा लेने के बाद उच्च शिक्षा 1948 में जमीयतुल अशरफिया मुबारकपुर से ली मुबारकपुर में फजीलत की शिक्षा लेने के बाद 1952 में उनकी दस्तार बंदी हुई। जन्म से ही सीधे व सरल स्वभाव के होने के कारण इनका नाम सूफ़ी पड़ गया। आप शैखुल हदीस,सद्र अल-मद्रासिन,मुहद्दिस व फकीह,मुनफरेदुल मिसाल खतीब,शैखे तरीकत,मुही अल-सुन्नत,आरिफ बिल्लाह थे।एक जुमादी अल-अव्वल 1434 हिजरी को आप वेसाल हुआ देश के विभिन्न प्रांतों, एवं विभिन्न देशों में उनके अनुयाई बड़ी संख्या में मौजूद हैं। हर वर्ष ऊमउनका वार्षिक उर्स भव्य रूप में खानकाहे कादिरीया बरकातीया निजामीया अगया शरीफ में मनाया जाता है, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु पहुंचते हैं।
हजारों अकीदतमंद खानकाह पहुंचने लगे हैं।
सेमरियावां ब्लॉक के अगवा निवासी प्रसिद्ध इस्लामिक विद्धान खतीबुल बराहीन अलहाज अश्शाह हजरत मोहम्मद निजामुद्दीन साहब का बारहवां उर्स पैतृक गांव में अकीदत व खुलूस के साथ मनाने के लिए तैयारियां जोरों पर है। खानकाह को लाईटिंग व फूल मालाओं से सजाया जा रहा है। उर्से निजामी में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से मुरीद खानकाह पर पहुंचने लगे हैं। मुरीदों के खाने, रहने की व्यवस्था की गई है।

