श्रावण मास से पूर्व मन्दिर परिसर की सफाई में जुटे कर्मी
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बेलहर संतकबीरनगरः आज श्रावण मास का पहला सोमवार है। श्रद्धालु शिव मंदिर में सुबह से अपने इष्टदेव भगवान शिव को जलाभिषेक करेगें । डिगेश्वर नाथ मंदिर क्षेत्र का ऐतिहासिक शिव मंदिर हैं आज काफी संख्या में यहाँ क्षेत्र के लोग जलाभिषेक करेंगे ।
डिगेश्वरनाथ मे पर्यटन को बढावा देने के लिए मेहदावल के पूर्व विधायक राकेश सिंह बघेल के सौजन्य से पर्यटन विभाग द्वारा मंदिर के सुन्दरी करण के लिए 88 लाख वावन हजार का बजट पारित किया गया था परन्तु मंदिर की स्थिति जस की तस रही कहीं सुंदरीकरण का कार्य दिखाई नहीं दिया जो कुछ उस समय में बना था विगत वर्ष बरसात मे ढह गया । श्रृद्धालु के लिए पोखरें में पानी नहीं है यहां जो पानी है दूषित दिख रहा है । यदि इसमें कोई स्नान करता है तो बीमारी का शिकार हो सकता है। सफाई कर्मचारी शनिवार और रविवार को इसकी साफ़ सफाई करने में जुटे रहे।
क्यों जुडा है मंदिर से लोगों का आस्था
बेलहर बिकास खण्ड के ग्राम पंचायत मठियापार के राजस्व गांव डिघवा में प्राचीन ऐतिहासिक डिगेश्ववर नाथ मंदिर है जो कि जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर खलीलावाद – बघौली- पिपरा बोरिंग मार्ग पर लोहरौली ठकुराई चौराहे से उतर तरफ़ तीन किमी की दूरी पर स्थित है, बाबा डिगेश्वरनाथ शिव मंदिर प्राचीन काल से ही भक्तो के आस्था का केन्द्र रहा है। क्षेत्र के सैकडों गांवो के कई हजारों की संख्या मे महिला पुरुष एवं बच्चे भक्त गण हर वर्ष सावन मास और महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने आते है ।
महिलाओं द्वारा मन्दिर परिसर में कढाही भी चढाती है। और मुन्डन संस्कार करते हैं .लोगों का ऐसा मानना. है कि यहाँ पुत्र की कामना से जो भी आता है भगवान भोलेनाथ उसे निराश नहीं करते उनकी मांनताऐ पूर्ण करते हैं ।
महाभारत काल से जुडा मन्दिर का रहस्य
मंदिर की मान्यताएं बहुत प्रचीन हैं मंदिर का जीर्णीधार ग्राम रसूलपुर निवासी रामरती देवी व छपवा निवासी कपिल देव तिवारी ने कराया था ।
मन्दिर के ठीक सामने पोखरा है जो लम्बाई मे उत्तर दक्षिण मे लगभग 3एकड मे है।लोगों की माने तो नेपाल जाते समय पान्डव़ो ने शिवलिंग को स्थापित किया था चूंकि इस तरह के पोखरे उसी समय हुआ करते थे , बुजुर्गों का कहना है कि इस प्राचीन ऐतिहासिक डिग्रेश्ववर नाथ मंदिर पर जो भी भक्त गण अपनी मनोकामना लेकर आते हैं उनकी मनोकामना भगवान भोलेनाथ पूर्ण करते हैं ग्रामवासी राजदेव, राम मनोहर, राम अंजोर, केदारनाथ, गणेश, सुरेश दास,शिव प्रसाद दास, गंगा राम, आदि लोगों ने बताया कि यह मंदिर बाबा डिगेश्ववर नाथ शिव मंन्दिर से जाना जाता है। यहां श्रावण मास में हर सोमवार जलाभिषेक करने वाले लोगों की भीड़ उमड़ती है प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चौकन्ना है।

