जलनिकासी की गंभीर समस्या से जूझ रहे बेलौहा गाँव के लोग
संतकबीरनगर। योगी सरकार द्वारा नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने के साथ पिछड़े हुए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को विकास के मुख्य धारा में जोड़ने एवं आम जनमानस को जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदारों के उदासीनता के चलते आम जनमानस को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रहे।ग्राम पंचायत के विकास के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे फिर भी गांव से विकास कोसों दूर है। ऐसा ही मामला जनपद के मेहदावल ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत बेलौहा में देखने को मिला जहां बरसात के मौसम में मुख्य मार्ग पर घुटनों तक पानी लगा रहता है जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से ग्रामीण दूषित पानी से होकर आने जाने को मजबूर हैं।गांव निवासी सुनील, छोटेलाल, बहरैची, उमा सागर आदि ने जल जमाव को लेकर कहा कि यही गांव के अधिकांश घरों तक जाने का प्रमुख मार्ग है पिछले कई वर्षों से यहां पर जल जमाव की समस्या बनी हुई है जिसको लेकर ना तो ग्राम प्रधान सुधी ले रहे और ना ही पंचायती राज विभाग। बरसात के मौसम में यहां पर घुटनों तक पानी लग जाता है,जिससे विद्यालय जाने वाले बच्चे और बुजुर्ग लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत भवन तक जाने के लिए यही मार्ग है लेकिन सब लोग बंद गाड़ी में आते हैं और चले जाते हैं।लेकिन इस समस्या से निजात दिलाने की सहमत नहीं उठाते। सरकार जहां संक्रामक बीमारियों के रोकथाम को लेकर साफ सफाई की व्यवस्था किए जाने के लिए पंचायती राज विभाग को जिम्मेदारी सौंप गई है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते जिम्मेदारों द्वारा कागजों में गांव की तस्वीर चकाचक दिखाकर अपनी पीठ थपथपाने में लगे हैं और ग्रामीण है कि समस्याओं से जूझ रहे हैं । ग्रामीणों को इस समस्या से कब मुक्ति मिलेगी यह कहना मुश्किल होगा। पूरे मामले पर ग्राम पंचायत के सचिव गिरिजेश यादव के मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल बंद मिला।

