सूखी नहर फेर रही किसानों के अरमानों पर पानी
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मौसम के बाद नहरों ने किसानों को दिया धोखा
जिले में नहरों का संजाल फैला हुआ है बावजूद इसके किसान सिचाई को लेकर परेशान है। यही कारण है किसानों में सिंचाई को लेकर भारी आक्रोश में है। किसानों के धान की नर्सरी तैयार हो गई है लेकिन नहरें सुखी हैं और रजवाहों में पानी के अकाल की वजह से किसान नहरों में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं।गर्मी के मौसम में जब धान की रोपाई का समय जब आता है तो नहर का पानी किसान के लिए जीवनदायी होता है, लेकिन जब पर्याप्त पानी न मिले तो धान के साथ-साथ किसान की सांसें भी सूख जाती हैं। ऐसा ही कुछ इस बार हो रहा है

जून माह बीत रहा है और बारिश नहीं हुई किसान धान की रोपाई के साथ ही अन्य फसलों के लिए पानी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है, परेशान किसानों ने नहर में पानी छोड़ने की मांग की है। किसानों का कहना है कि नहरों में अब तक पानी आ जाना चाहिए था क्योंकि धन की नर्सरी तैयार होने के साथ ही अन्य फसलों की बुवाई बिना खेत में पानी चलाएं नहीं हो सकती हालत यह है कि खेतों की बोरिंग भी जवाब दे रही है क्योंकि इस समय जलस्तर काफी नीचे चला गया है बारिश के बाद नहरों पर ही किसानों को भरोसा था लेकिन अब वह भी टूट रहा है सेमरियावा ब्लॉक क्षेत्र के थूरुंडा, चाई कला, देवरिया लाल पिपरा हसनपुर राजापुर सरैया सहित सैकड़ो गांव की किसानों को धान की फसल के रोपाई के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है लेकिन जल स्रोत जवाब दे रहे हैं क्षेत्र के किसानों ने प्रदर्शन करते हुए मांग की है की नहरों में अति शीघ्र पानी छोड़ा जाए जिससे कृषि कार्य शुरू हो सके।पूरे मामले पर क्षेत्रीय किसानों ने कहा कि

